इस पोस्ट में शिवबाबा की वाणी से अंतिम समय इशारे,पुरुषार्थ व सेवा का सार हैIIn this post Final moment-signals, efforts & service is highlighted
- अंतिम समय - इशारे, पुरुषार्थ व सेवा - १
- ब्रह्मा बाप समान चलन गुणों और प्राप्तियों का टाइटल प्राप्त कर ख़ुशी में रहो ख़ुशी में नाचो और ख़ुशी बाँटों
- अंतिम समय - इशारे, पुरुषार्थ व सेवा - २
- मधुबन में बाप और बच्चे का मीठा मधुर मिलन मनाते हुए मेरा बाबा आ गया के सर्व खजानों को चाबी सभी को देकर प्यार की डोर और ख़ुशी के धागे में बांधो
- FINAL MOMENT – SIGNALS, EFFORT & SERVICE - 1
- Get title for being equal to Brahma father's in behavior,virtues and achievements and be happy, dance in happiness and share happiness
- FINAL MOMENT – SIGNALS, EFFORT & SERVICE - 2
- Celebrating the sweet meeting of the father and the child in Madhuban, tie the threads of love and happiness giving the keys to all the treasures that My Baba has come
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अंतिम समय - इशारे, पुरुषार्थ व सेवा - १
ब्रह्मा बाप समान चलन गुणों और प्राप्तियों का टाइटल प्राप्त कर ख़ुशी में रहो ख़ुशी में नाचो और ख़ुशी बाँटों
· ब्रह्मा बाप समान टाइटल क्यों ? क्योंकि इस पूरी सृष्टि में ब्रह्मा के द्वारा क्या होता है ? रचना... तो ब्रह्मा के बच्चे कैसे दिखने चाहिए? ब्रह्मा बाप जैसे, शिकिल
से नहीं... चलन से, गुणों से, प्राप्तियों
से, और एक बाबा दूसरा न कोई !! हर ताले की एक चाबी... क्या? मेरा बाबा...
· पहले समस्या का
समाधान उत्पन्न होता है। समस्या का रूप तो बाद में बनता है। कभी नहीं कहना कि इसका कोई समाधान नहीं है कि जिसके पास विश्व का रचयिता है , जिनके पास इतनी
बड़ी अथॉरिटी है,
जिनके पास बैकबोन है, उनके पास समाधान ना
हो ऐसा हो नहीं सकता... इसीलिए क्या कहना है ? हर पेपर का, हर प्रश्न का जवाब
है, हर परिस्थिति का हल है, हर समस्या का समाधान है। उस से भी
बड़ी बात जो हो रहा है... कल्याणकारी हो रहा
है। कुछ भी अकल्याण इस ड्रामा में ही नहीं है।
·
खुशी में नाचो, गाओ, मेरा बाबा आ गया, मुझे लेने आ गया ।
·
आप बच्चे भाग्यशाली
हो कि बाप डायरेक्ट आप बच्चों की सजावट करने आ रहे हैं। और जगह तो बस टचिंग
से काम चल रहा है। और आप बच्चे डायरेक्ट श्रृंगार....! बाप करा रहा है।
·
बापका टचिंग हर जगह
पहुँचकर हर बच्चों का श्रृंगार करा रहा है। सिर्फ यह सोचना है कोई कुछ भी कहे, कोई कैसा भी ज्ञान
सुनावे, यह सोचना है, मेरे बाबा ने मुझे जो जिम्मेवारी दी
है मुझे अपना निभाना है, अपना करना है, दूसरे का पार्ट बाप खुद देख लेगा।
क्या करना है? अपना-अपना श्रृंगार करना है ।
·
बाप का वरदान है - "खुश रहना है खुशी बाँटनी है और खुशी में नाँचना
है"।
· कुछ नहीं सोचो....
फुलस्टॉप। अब मैं और मेरा बाबा। कहाँ भी नहीं देखो जहाँ
देखेंगे उलझन मिलेगी। बाप को देखेंगे तो सुलझा हुआ रास्ता मिलेगा। उलझन को क्या देखे
जो और उलझाए ।
· जब सृष्टि का मालिक
बैठा हो, तो मैं क्यों फिक्र करूं !! मेरा फिक्र करें मेरा बाप। मैं तो बेफिक्र बादशाह बन के पूरे विश्व का भ्रमण करूँगा। कुछ नहीं एक मैं.....
एक मेरा बाबा और कुछ नहीं।
***** ओम शांति ****
अंतिम समय - इशारे, पुरुषार्थ व सेवा - २
मधुबन में बाप और बच्चे का मीठा मधुर मिलन मनाते हुए मेरा बाबा आ गया के सर्व खजानों को चाबी सभी को देकर प्यार की डोर और ख़ुशी के धागे में बांधो
· प्यार में क्या होता है ? बंधन
टूटता है। जो बंधन प्यार से अलग करें, वह बंधन टूट जाता है। और जिससे प्यार होता है उससे जुड़ जाता है।
· अभी बंधन सच्चे
साथी से जुड़ा है। जो अपने वायदे का पक्का है। बाप का क्या वायदा है ? साथ रहेंगे साथ चलेंगे। साथ रहने का वायदा और साथ चलने का वायदा
बाप ने किया है।
· जहाँ बाप और बच्चे हैं
वहीं क्या है ? मधुबन ! आज कहाँ मिलन हो
रहा है ? मधुबन में ! मधुबन नाम क्यों पड़ा ? जहाँ स्वयं परमपिता और
प्यारे ते प्यारे बच्चों का मिलन होता है, वह होता है मधुर
मिलन। "मधुबन" , मधु किसको कहते हैं? यह बाप और बच्चों का मीठा-मीठा मिलन
है, तो क्या बन गया? मधुबन बन गया। देखें बाप का वायदा है , हर घर से बाप का
ध्वज लहराएंगा, और हर एक दिल से आवाज निकलेगा। कौन सा आवाज निकलेगा ? मेरा बाबा, मेरा साथी, मेरे पास आ गया, मेरे घर में आ गया, मेरे शहर, मेरे देश, पूरे विश्व में आ
गया। मेरा बाबा आ गया ! ये लहर पूरे विश्व के कोने-कोने से
आएंगी। भल कोई जानता भी नहीं होंगा कि बाबा कौन है..! पर फिर भी मेरा बाबा कहने से
ही दिल को ठंडक मिलेगा। भल किसको पता भी नहीं होगा कि कौन सा बाबा आ गया। पर जब
कहेंगे ना मेरा बाबा आ गया, यह शब्द ही सारे
खजानों की चाबी है। और जब चाबी लगती है तो क्या होता है? पूरा खजाना बाहर आ
जाता है । तो सर्व खजाने की चाबी क्या है ? मेरा बाबा !
· कोई कहते हैं अब तो
बाबा चला गया। बाप कैसे जाएंगा ? बच्चों के बिना जाएंगा ? बच्चों के बिना बाप
के लिए भी परमधाम बंद है । जहाँ बच्चे नहीं वहाँ
बाप नहीं। सभी परमधाम से आ गये , तो बाप पीछे पीछे आ गया ना ! अब जब
बच्चे यहाँ से जाएंगे तो बाप भी साथ में लेकर जाएगा। तो यह प्यार की डोर है, सच्ची डोर है, पक्की डोर है। तो
जहाँ बाप होंगा वहाँ
बच्चे होंगे, और जहाँ बच्चे होंगे वहाँ बाप होगा।
·
मिलने की विधि
परिवर्तित हुई है। और जब मिलन होता है तो विधि नहीं
देखते, कि कौन सी विधि से मिलते हैं। मेरा बाबा तो वही है ना ! ड्रेस परिवर्तित हुआ है। मेरा बाप थोड़ी
परिवर्तित हुआ है । परिवर्तन हुआ है विधि बदली है, पर बाप तो बाप ही
है ना। अच्छा खुश हो ? मिल गया मेरा साथी
मिल गया ! मेरा सहारा मिल गया ! और मेरा संसार मिल गया !
· आप क्या कहेंगे? आया है.....वो सब जगह
है......मेरे पास है..... मेरे दिल में है.... मैंने अपने साथी को अपने दिल में
बिठा लिया।
· खुशी रहे नशा चढ़े
कि जिसको अब सारा विश्व ढूंढ रहा है उसने मुझे ढूंढ लिया है। ऐसा भाग्य किसका
होगा? जिसको पूरा विश्व ढूंढ रहा है, सारे प्रयत्न कर
रहा है, सब कुछ कर रहा है, पर फिर भी नहीं मिला। और उस बाप ने
मुझको ढूंढ लिया है।
·
कोई भी बच्चा अब ये
ना सोचें कि बंधन में है। किस में बंध गए? संबंध में बंध गए।
किस के संबंध में?
ऐसा संबंध जुड़ गया है , ऐसे प्यार की डोरी
में बंध गए हैं, अब तो चाहे कितना भी कोशिश करें, यह प्यार का जो
डोरी है टूटेगा नहीं,
छूटेगा नहीं। क्यों नहीं छूटेगा? क्योंकि अभी सही मायने में बाप के हाथ
में आया है। अब बाप ने डायरेक्ट पकड़ लिया है। ना
छूटेगा, ना टूटेगा, और ना बच्चे गिरेंगे ना रोएंगे। रोने
का समय समाप्त। हंसना और हंसाना। खुश रहना है और खुशी में
बंधना और बांटना है। जिस खुशी के धागे में बच्चे बंध गए हैं उस खुशी के धागे में
सभी को बांधना है।
·
बाप आत्मा को लेने आए
हैं, और यह ज्ञान अभी से नहीं है शुरू से ही बाप यही पाठ पक्का कराते आए
हैं। अपने को आत्मा समझो। तो खुशी ख़ुशी जाएंगे या रोके जाएंगे ? ये देखें कि साथी कौन है ? जब ये नशा चढ़ेगा
ना, तो दुख नहीं होगा। क्या मिलेगा ? खुशी मिलेगा !! तो
ये चेक करें कि मेरा पाठ कितना पक्का है ?
*****
ओम शांति ****
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FINAL MOMENT – SIGNALS, EFFORT & SERVICE - 1
Get title for being
equal to Brahma father's in behavior,virtues
and achievements
and be happy, dance in
happiness and share happiness
*****
Om Shanti ****
FINAL MOMENT – SIGNALS, EFFORT & SERVICE - 2
Celebrating the sweet meeting of the father and the child in Madhuban, tie the threads of love and happiness giving the keys to all the treasures that My Baba has come
· · What happens in love? The bondage breaks. The bondage that separates you from love breaks and joins the one who loves.
·
Any child must not
think that he is in bondage. Tied to which bond. Tied in relation. In relation
to whom? Connected to such a relationship, bound to such a cord of love , now no matter how much we try, this cord of love will
not break, will not leave.
Why won't it leave? Because now it has
come in the Father's hand in a right manner. Now the father has caught it
directly. Neither it will leave, nor will be broken, nor will children fall nor
weep. Time to cry has ended. Laugh and make laugh Be happy, be bound with
happiness and share happiness. Everyone
has to be tied in the thread of happiness in which children are tied.
*****
Om Shanti ****
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