इस पोस्ट में जानिए ओम उच्चारण की विधि और संकल्प I Know in this post the method & chant for Om sound
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ओम ध्वनि करने की विधि और संकल्प
METHOD & THOUGHTS FOR OM CHANT
कई बार हम जैसे ओम ध्वनि करते हैं तो एकदम जोर जोर से बोलते हैं । ओम ध्वनि का यथार्थ मतलब समझिए । ओम तो सारी दुनिया में भी बोलते हैं । योगा कराने वाले भी ओम ओम का उच्चारण करते हैं। ज्यादातर सभी करते हैं । लेकिन जब आप ओम ध्वनि का उच्चारण करते हैं उस समय आपके मन में क्या चल रहा है। क्या मुझे सिर्फ मुख से ओम ही बोलना है ? या फिर मन में मुझे संकल्प चलाना है किस चीज का ?
जब भी आप ओम ध्वनि करते हैं तो हर एक ओम ध्वनि में मन में आप एक संकल्प चलायें कि मेरा बाबा परमधाम से आया है । मुझे पावरफुल शक्तियाँ दे रहा है और मैं आत्मा हर शक्ति से भरपूर होती जा रही हूँ । फिर से ओम ध्वनि करें कि मेरे अंदर से सारे negativity अथवा नकारात्मकता बाहर निकल रही है और परमात्मा से सारी शक्तियाँ मुझ आत्मा में आ रही है ।
Many times, while chanting Om sound, we speak very loudly. Understand the true meaning of Om sound. People all over the world pronounce Om. Yoga practitioners also chant Om. Mostly everyone does. But when you chant what's going on in your mind. Do I only have to speak Om from the mouth? Or do I have to make determined thoughts in my mind, about what?
Whenever you make Om sound, in every Om sound you should make a determined thought in mind that My Baba has come from Paramdham. He is giving powerful energies to me and I, the soul is becoming full of every power. Again chant Om sound that all negativities inside me is getting dispelled off and all powers from Supreme soul is coming in my soul.
फिर ओम
ध्वनि का उच्चारण करें कि मैं आत्मा परमधाम की यात्रा पर
निकली हूँ । परमधाम से बाबा से पावरफुल शक्तियाँ लेकर सूक्ष्मवतन में आयी ।
Then again chant Om that I Soul is set out on a journey to Paramdham ( Supreme Abode ). After receiving all powerful energies from Baba I have come to subtle region.
ओम ध्वनि का फिर उच्चारण करें उसमें संकल्प करना है सूक्ष्म
वतन में बैठ कर चारों तरफ मुझ आत्मा से पावरफुल तरंगें निकल कर पूरे विश्व में जा रही
है । फिर ओम ध्वनि का उच्चारण करें । मैं
आत्मा इस सृष्टि पर इस देह में प्रवेश होती हूँ और आकर के भ्रकुटी के बीच में
बैठती हूं और सारी शक्तियां मेरे शरीर में आकर के पूरे वायब्रेशंस चारों तरफ फैल
रहे हैं ।
Then again pronounce Om with determined thought, sitting in the subtle region, powerful currents are coming out from my soul and spreading all over the world. Then again pronounce Om sound I soul enters this body in this world and sit in the middle of the forehead and all powers after entering in my body the entire vibrations are spreading all around.
हर बार ओम
ध्वनि में ऐसा मन का भी उच्चारण मुख का भी उच्चारण तो डबल
पॉवर आएगी । डबल
पावर चाहिए ना हमें ? इतनी पावरफुल आपकी ओम ध्वनि होनी चाहिए और धीमे से करें जैसे
हम धीरे से कैसे बाबा को साइलेंस में भी याद करते हैं ना बहुत प्यार से हम ओम का
उच्चारण करें । कई बार जैसे हम जोर से भी बोलते हैं, लेकिन आपकी आंखें बंद होगी तो महसूस करें
कि मेरे बाबा को मैं परमधाम में देख रही हूँ ।
मैं आत्मा उस परमात्मा का आह्वान कर रही हूँ ।
वह धरा पर आए हैं ऐसे हल्के से ओम का उच्चारण
आप करेंगे ।
Every time while pronouncing Om through mind and mouth you will gain double power. Do we need double power? Your Om sound should be so powerful and do it slowly like how we slowly remember Baba even in silence with that much love we must pronounce Om. Many times as we speak loudly, but if your eyes are closed, then feel that I am seeing my Baba in the supreme abode. I, the soul, is invoking that God. He has come on the earth. Likewise you must pronounce Om lightly.
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ओम ध्वनि करने की विधि और संकल्प
METHOD & THOUGHTS FOR OM CHANT
कई बार हम जैसे ओम ध्वनि करते हैं तो एकदम जोर जोर से बोलते हैं । ओम ध्वनि का यथार्थ मतलब समझिए । ओम तो सारी दुनिया में भी बोलते हैं । योगा कराने वाले भी ओम ओम का उच्चारण करते हैं। ज्यादातर सभी करते हैं । लेकिन जब आप ओम ध्वनि का उच्चारण करते हैं उस समय आपके मन में क्या चल रहा है। क्या मुझे सिर्फ मुख से ओम ही बोलना है ? या फिर मन में मुझे संकल्प चलाना है किस चीज का ?
जब भी आप ओम ध्वनि करते हैं तो हर एक ओम ध्वनि में मन में आप एक संकल्प चलायें कि मेरा बाबा परमधाम से आया है । मुझे पावरफुल शक्तियाँ दे रहा है और मैं आत्मा हर शक्ति से भरपूर होती जा रही हूँ । फिर से ओम ध्वनि करें कि मेरे अंदर से सारे negativity अथवा नकारात्मकता बाहर निकल रही है और परमात्मा से सारी शक्तियाँ मुझ आत्मा में आ रही है ।
Many times, while chanting Om sound, we speak very loudly. Understand the true meaning of Om sound. People all over the world pronounce Om. Yoga practitioners also chant Om. Mostly everyone does. But when you chant what's going on in your mind. Do I only have to speak Om from the mouth? Or do I have to make determined thoughts in my mind, about what?
Whenever you make Om sound, in every Om sound you should make a determined thought in mind that My Baba has come from Paramdham. He is giving powerful energies to me and I, the soul is becoming full of every power. Again chant Om sound that all negativities inside me is getting dispelled off and all powers from Supreme soul is coming in my soul.
फिर ओम
ध्वनि का उच्चारण करें कि मैं आत्मा परमधाम की यात्रा पर
निकली हूँ । परमधाम से बाबा से पावरफुल शक्तियाँ लेकर सूक्ष्मवतन में आयी ।
Then again chant Om that I Soul is set out on a journey to Paramdham ( Supreme Abode ). After receiving all powerful energies from Baba I have come to subtle region.
ओम ध्वनि का फिर उच्चारण करें उसमें संकल्प करना है सूक्ष्म वतन में बैठ कर चारों तरफ मुझ आत्मा से पावरफुल तरंगें निकल कर पूरे विश्व में जा रही है । फिर ओम ध्वनि का उच्चारण करें । मैं आत्मा इस सृष्टि पर इस देह में प्रवेश होती हूँ और आकर के भ्रकुटी के बीच में बैठती हूं और सारी शक्तियां मेरे शरीर में आकर के पूरे वायब्रेशंस चारों तरफ फैल रहे हैं ।
Then again pronounce Om with determined thought, sitting in the subtle region, powerful currents are coming out from my soul and spreading all over the world. Then again pronounce Om sound I soul enters this body in this world and sit in the middle of the forehead and all powers after entering in my body the entire vibrations are spreading all around.
हर बार ओम
ध्वनि में ऐसा मन का भी उच्चारण मुख का भी उच्चारण तो डबल
पॉवर आएगी । डबल
पावर चाहिए ना हमें ? इतनी पावरफुल आपकी ओम ध्वनि होनी चाहिए और धीमे से करें जैसे
हम धीरे से कैसे बाबा को साइलेंस में भी याद करते हैं ना बहुत प्यार से हम ओम का
उच्चारण करें । कई बार जैसे हम जोर से भी बोलते हैं, लेकिन आपकी आंखें बंद होगी तो महसूस करें
कि मेरे बाबा को मैं परमधाम में देख रही हूँ ।
मैं आत्मा उस परमात्मा का आह्वान कर रही हूँ ।
वह धरा पर आए हैं ऐसे हल्के से ओम का उच्चारण
आप करेंगे ।
Every time while pronouncing Om through mind and mouth you will gain double power. Do we need double power? Your Om sound should be so powerful and do it slowly like how we slowly remember Baba even in silence with that much love we must pronounce Om. Many times as we speak loudly, but if your eyes are closed, then feel that I am seeing my Baba in the supreme abode. I, the soul, is invoking that God. He has come on the earth. Likewise you must pronounce Om lightly.
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